आदर संहिता
Ashish Raichur
सदाचार का सम्बंध नैतिक नियम, मूल्य और सिद्धांतों से है। आचरण के नियम की चर्चा की जा सकती है, उसके दस्तावेज तैयार किए जा सकते हैं, परंतु सदाचार के मानक अपने आपमें उनके पालन की सामर्थ प्रदान नहीं करते। नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों का पालन करने की सामर्थ प्रत्येक व्यक्ति के अंदर से आती है। नैतिक रूप से सीधे चलने की हमारी सामर्थ स्वयं प्रभु पर हमारी निर्भरता से और उस अनुग्रह से जो वह प्रदान करता है, आती है। कोई भी आचरण का नियम, कोई सदाचार की शिक्षा, कोई बुद्धिमानीपूर्ण सलाह या निर्देश मसीह सेवक की सहायता नहीं कर सकते जो परमेश्वर के साथ अपने व्यक्तिगत जीवन को गंभीर नहीं समझता।
आदर संहिता
आज कलीसिया में, जहां पर हम में से कई परमेश्वर की सामर्थ के प्रकाशन, अभिषेक, चिन्ह और चमत्कारों, आश्चर्यकर्मों और चंगाइयों, भविष्यद्वाणी और अलौकिक की ओर बढ़ रहे हैं - वहीं जीवन और आचरण के ईश्वरीय मानदंड़ों की बुलाहट लोकप्रिय नहीं है। प्रचारक और सेवक पुलपिद से हटकर जो जीवन बिताते हैं, उसके बजाय, एक घंटे में पुलपिट के पीछे वे कितना प्रगट कर सकते हैं, इसके आधार पर उन्हें खोजा जाता है।
आदर संहिता
आज कलीसिया में, जहां पर हम में से कई परमेश्वर की सामर्थ के प्रकाशन, अभिषेक, चिन्ह और चमत्कारों, आश्चर्यकर्मों और चंगाइयों, भविष्यद्वाणी और अलौकिक की ओर बढ़ रहे हैं - वहीं जीवन और आचरण के ईश्वरीय मानदंड़ों की बुलाहट लोकप्रिय नहीं है। प्रचारक और सेवक पुलपिद से हटकर जो जीवन बिताते हैं, उसके बजाय, एक घंटे में पुलपिट के पीछे वे कितना प्रगट कर सकते हैं, इसके आधार पर उन्हें खोजा जाता है।
Categories:
Year:
2014
Publisher:
All Peoples Church And World Outreach
Language:
hindi
Pages:
248
File:
PDF, 1.48 MB
IPFS:
,
hindi, 2014